समूह सुरक्षा प्रदान करता है, जबकि अकेले में यह संभव नहीं है। व्यक्तियों को आराम की अनुभूति होती है, परिणाम के रूप में वे स्वयं को शक्तिशाली महसूस करते है। जब हम समूह के साथ रहते है तो हमें दूसरे समूह से सम्मान भी मिलता है, हम सम्मानित महसूस करते है। समूह आत्मविश्वास भी देता है यह उसके जीवन जीने के लिए उपयुक्त रहता है। समूह मनोवैज्ञानिक और सामाजिक जरूरतों को संतुष्ट करता है जैसे आत्मीयता, भावना, ध्यान देना और पाना, प्रेम तथा शक्ति का बोध अनुभव प्राप्त कराता है।
समूह अथवा समुदाय ऐसे लक्ष्य को प्राप्त करने में व्यक्ति की मदद करता है कि जो व्यक्तिगत रूप से करना संभव नहीं है। क्योंकि बहुमत में शक्ति होती है। समूह सदस्यता हमें सूचना, सुझाव, दुःख सुख में साथ देता है, इसी कारण से व्यक्ति का दृष्टकोण समुदाय के प्रति बढ़ता है। ज्ञान की कमी भी व्यक्ति को समूह के द्वारा ही आपूर्ति हो जाती है।
पीढ़ी दर पीढ़ी मान्यताएं, पर्व, जीवन जीने के आवश्यक नियम आदि, यह हमको समुदाय से ही मिलती है। किसी भी कार्य को बारम्बार करने के उपरांत व्यक्ति के भीतर मन में संस्कार जन्म लेते है, यह संस्कार समुदाय के लोगों को मदद करने में सहायक सिद्ध होती है।
सिमित साधन के कारण समुदाय एकजुट रहते है, क्योंकि साधन ही प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत जरुरत होती है, इसलिए वे ना केवल एक दूसरे की मदद करते है, बल्कि यह उनके प्रचलन का हिस्सा भी होता है। क्योंकि सिमित मात्रा में साधन और शक्ति के कारण वे लोग आपस में मदद करते है, यह उनका सबसे बड़ा सुरक्षित और सुंदर सिद्धांत होता है, अथार्त हर चीज़ आदान प्रदान के रूप में देखी जाती है।
एकता में शक्ति होती है, एकता से ही एक दूसरे की मदद की जा सकती है, एकता ही मनुष्य जाति के समग्र विकास को निर्णायक लक्ष्य तक पहुँचा सकती है। यदि संसार एक हो जाय तो यह सम्पूर्ण सृष्टि का अब तक का सबसे बड़ा आविष्कार होगा।
धन्यवाद।
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