भयात भभोग :
२- एक ही दिन में सूर्योदय एवं जन्म दोनों पृथक पृथक नक्षत्र में होने पर :
६० घटी में गत नक्षत्र के मान को घटाकर शेष में वर्तमान नक्षत्र का मान जोड़ने पर भभोग एवं इष्टकाल में गत नक्षत्र का मान घटाने पर भयात होगा।
उदाहरण : मान लीजिए यदि पूर्वाषाढ़ा में सूर्योदय होकर सायं काल सूर्यास्त के उपरान्त जातक का जन्म उत्तराषाढ़ा में हो तो पूर्वाषाढ़ा गत नक्षत्र होगा। इष्टकाल ३५/४० , गत नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा ३३/०६ , वर्तमान नक्षत्र उत्तराषाढ़ा ३३ / ४६
६०/०० - ३३/०६ गत नक्षत्र = २६/५४ शेष + ३३/४६ वर्तमान नक्षत्र = ६० /४० भभोग।
३५ / ४० इष्टकाल - ३३ / ०६ गत नक्षत्र = २ / ३४ भयात होगा।
सुविचार :
अगर कुछ अलग करना है तो अकेले ही करना होगा, क्योकि पहचान हमेशा अकेले ही बनती है, झुंड से साहस तो मिल सकता है लेकिन पहचान छुप सकती है। वैसे भी आप ही है, जो सब कुछ कर सकते है ,आपके लिए आप ही इस दुनिया में उपयुक्त इंसान है।
प्रणाम , ज्योतिर्विद एस एस रावत
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