चंद्र गति स्पष्ट करने की विधि :
२८८०००० में पलात्मक भभोग का भाग देने पर कलात्मक गति होगी
उदाहरण : पलात्मक भभोग ३७१७ ( २८८०००० भाग ३७१७ से देने पर लब्धि = ७७४ / ४९ कलात्मक चंद्र गति होगी।
नक्षत्र के चरण :
भभोग को ४ बराबर भागों में विभक्त कर क्रमशः नक्षत्र का चरण कहलाता है। तथा भयात जिस चरण के अंतर्गत आता हो जातक का जन्म नक्षत्र उसी चरण में मान्य होता है।
उदाहरण :
भभोग यदि ६० /१३ हो और भयात ४३ /३८ तो चरण क्या होगा ?
भभोग ६० /१३ में ४ का भाग देने पर एक खंड ( चरण ) का मान होगा १५ / ३ / १५ इस मान में इतना ही और जोड़ दे तो दूसरा चरण , पुनः इतना ही जोड़ दे तो तीसरा चरण व इतना ही और जोड़ दे तो चतुर्थ चरण का मान होगा।
अतः भयात ४३ /३८ उपरोक्त खंड के तृतीय खंड के अंतर्गत आता है इसलिए जातक का जन्म नक्षत्र तृतीय चरण में कहलायेगा।
सुविचार :
विशेष / पृथक सोच , कार्य , समयानुसार विचरना और सदा विद्यार्थी बने रहने वाले ही इतिहास लिख देते है , उन्ही को फिर समझदार लोग पढ़ते भी है। दुखी रहकर भी हँसते रहना सफलता जिनका राज है , वे ना केवल बढ़ते है बल्कि काफिला उनके पीछे होता है।
प्रणाम, ज्योतिर्विद एस एस रावत
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