वक्री ग्रह स्पष्ट करने की विधि :
वर्तमान दिन के स्पष्ट ग्रह में अगले दिन के स्पष्ट ग्रह को घटाने पर शेष ग्रह की गति होगी। ग्रह गति में इष्टकाल से गुणा कर ६० से भाग देने पर ( बायें तरफ ) अन्तिम लब्धि कला एवं शेष विकला होगी। इस कला , विकला को वर्तमान दिन के स्पष्ट ग्रह में घटाने पर तात्कालिक ( जन्म समय ) स्पष्टग्रह होंगे।
उदाहरण :
यदि इष्टकाल १३ / १० हो
वर्तमान दिन का स्पष्ट ग्रह १० / १६ / ०१ / ३४
अगले दिन का स्पष्ट ग्रह - १० / १५ / ५८ / २४
प्राप्त लब्धि ०३ / १ ० = ग्रहगति को इष्टकाल १३ / १० से गुणा कर ०३ / १० * १३ /१० =
गुणनफल ३९ / १६० / १०० को ६० से भाग देने पर प्राप्त लब्धि = ०० / ४१ अथार्त ०० एवं ४१ कलात्मक मान है।
वर्तमान दिन का स्पष्टग्रह १० / १६ / ०१ / ३४ - प्राप्त लब्धि ०० / ४१ को घटाने पर तात्कालिक ( जन्मसमय ) स्पष्ट ग्रह १० / १६ / ०० / ५३ होगा।
नोट : इसी प्रकार सभी वक्री ग्रह स्पष्ट किये जाने चाहिए।
विशेष : ग्रह स्पष्ट करने के लिए पञ्चाङ्ग जिस स्थान का हो उस स्थान के सूर्योदय द्वारा ही इष्टकाल का प्रयोग करना चाहिए।
सुविचार :
कभी कभी सफल व्यक्ति का भी विरोध होता है, उससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि आप सही रास्ते में हैं। अच्छी बातें तो किताब में भी लिखी रहती है लेकिन अच्छा इंसान जुबान और कर्मो के आधार पर ही तय होता है। आप इतना सोचें कि मैं कुछ भी काम कर सकता हूँ फिर देखिए आप असंभव को भी संभव कर देंगे।
प्रणाम, ज्योतिर्विद एस एस रावत
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