१ - आपको हर हाल में खुश रहना है, यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो हो सकता है, आपसे आपका डॉक्टर खुश रहेगा। दुःख, दर्द, व्यथा, भय सब कुछ आपके भीतर है , और ख़ुशी, साहस, सुख वो भी आपके ही भीतर है, चयन प्रक्रिया भी आपके ही भीतर है। "उचित उपयुक्त"
२ - जिन्दगी कभी कभी पीछे भी जाती है, ताकि उतना ही आगे जा सकें। बड़ी छलाँग लगाने के लिए, थोड़ा पीछे जाना ही पड़ता है। किसी के आगे झुकने से अच्छा, स्वयं के अंदर ही झुकें। स्वयं का मंच से जो अनुभूति, संतुष्टि, उपलब्धि प्राप्त होगी वही सिद्धि, प्रसिद्धि, निपूर्णता के शिखर तक पहुंचाएगी।
३ - बुराई अथवा अनादर वही लोग करते है, जो आपकी बराबरी करने में असमर्थ है। और जो लोग उतार - चढ़ाव के बावजूद भी आपसे जुड़े रहते है। उनका अनादर कभी ना करें । याद रखें देने वाला सिर्फ देता है। सुख के समय : धन, दौलत, वैभव , प्रसिद्धि , आरोग्य , प्रतिष्ठा और दुःख के समय : अनुभव, जीवन जीने के अकल्पनीय नए तरीके, अपना - पराए का ज्ञान आदि।
४ - जिन लोगों ने आपका संघर्ष, कड़ी मेहनत, अनुशासन, त्याग देखा है। केवल वही लोग आपके संघर्ष की कीमत, व्यक्तित्व, गुणों को जानेंगे। अन्य लोगों के लिए आप सिर्फ अच्छे भाग्य वाले हैं।
५ - यदि आपके द्वारा किये गये कार्यो से दूसरों को कामना, चीज़ों को जानना, कार्य करना, सीखना, सुनना, ज्ञान अर्जित करना और आगे बढ़ने को प्रेरित करता है तो, आप आम व्यक्तित्व नहीं बल्कि ख़ास व्यक्तित्व के स्वामी है।
आपका आभार.... अपने भाग दौड़ भरे जीवन में कुछ देर रुक कर आपको पढना.... अपने जीवन को सुगम और संवेदनशील बनाना लगा 🙏
जवाब देंहटाएंआपके विचारों से मुझे ऊर्जा और प्रेरणा दोनो ही प्राप्त हुई, अतः मैं आपको भरोसा देना चाहता हुँ कि मैं इस कार्य में पूर्ण निष्ठा, अनुभव और योग्यता को आपके सेवा हेतु सत्तप्रयासरत रहुँगा। आपका ह्रदय से आभार एवं हार्दिक अभिनन्दन।
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