ग्रहों के उदयास्त विचार :
सूर्य के समीप होने पर सभी ग्रह अस्त हो जाते है तथा सूर्य से दूर होने पर सभी ग्रह उदय हो जाते है इस प्रक्रिया के लिए सभी ग्रहों का कालांश निश्चित है। चंद्र १२ अंश , मंगल १७ अंश , बुध मार्गी १२ अंश , वक्री १४ अंश ,गुरु ११ अंश , शुक्र मार्गी ८ अंश वक्री १० अंश , शनि १५ अंश है।
ग्रहों का बाल एवं वृद्धत्व :
अस्त होने से ३ दिन पहले सभी ग्रह वृद्धावस्था में तथा उदय होने से ३ दिन पहले बालावस्था में होते है।
ग्रहचार :
ग्रहों का संचार ग्रहचार कहलाता है अथार्त ग्रह कब किस राशि , नक्षत्र , मार्गी , वक्री , उदय ,और अस्त हो रहा है इसीको ग्रहचार कहते है।
विविध मुहूर्त्त :
प्रत्येक पक्ष में तिथि वार नक्षत्र के अनुसार अनेक प्रकार की मुहूर्तों का उल्लेख रहता है जिसे विविध मुहूर्त्त के नाम से जाना जाता है।
सुविचार :
कल का दिन ख़राब था तो जरुरी नहीं आने वाला कल भी ख़राब हो, बीते कल की सीख से आने वाले कल की तैयारी करिये, क्योंकि आज का दर्द ही कल की जीत पक्की करती है।
प्रणाम , ज्योतिर्विद एस एस रावत
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