१ - सफलता के पीछे साहस रूपी राज छुपा होता है। जैसी सफलता वैसा साहस, कठिन परिस्थिति में सरलता से कार्य, परेशानी जितनी भी बड़ी हो लेकिन लक्ष्य को कभी ना छोड़ना, निडरता से आगे बढ़ना इसी को नेतृत्व कहते है।
२ - नेतृत्व में वो ताकत है, जो आपके लक्ष्य को वास्तविकता में बदल सकती है। एक चरवाहे की तरह होता है वह झुण्ड के पीछे रहता है| जो सबसे फुर्तीला है उसे आगे जाने देता है और अन्यों को उसका पीछा करने देता है| उन्हें महसूस भी नहीं होता के वो पीछे से नियंत्रित किये जा रहे हैं।
३ - स्वयं को संभालने के लिए अपने दिमाग का उपयोग करें, तथा दूसरों को संभालने के लिए अपने दिल से व्यवहार करें। मजबूत होना पर असभ्य नहीं, दयालु होना पर कमज़ोर नहीं, विचारशील होना पर आलसी नहीं, विनम्र होना डरपोक नहीं, गर्व होना अभिमान नहीं, हसमुख होना लेकिन मूर्ख नहीं।
४ - मैंने ऐसा अनुभव किया है अथवा सीखा है। कि लोग आपकी कही हुई बात, आपके किए हुए कार्य दोनो ही भूल जाते है। लेकिन आपके द्वारा कराया गया अनुभव, उन्होने जो महसूस किया उसको वे कभी नहीं भूलते है।
५ - नेतृत्व या लीडर का काम है लोगों को वहाँ तक पहुंचाना, जहां वो नहीं जा सकते है। लेकिन उनके साथ ऐसा व्यवहार करें, जिससे उनको पता ही नहीं चले की कब वे वहां पहुँच गए जहाँ उनको आप ले जाना चाहते थे।
आपके के विचारों से लगता है आपने जीवन को बहुत निकट से देखा है... मार्ग प्रशस्त करते रहें 🙏
जवाब देंहटाएंआप ज्ञानी पुरुषार्थ के स्वामी है, आपके ज्ञान, विवेक और वाक्पटुता का सदैव ऋणी रहुँगा। आपने शब्दों को इस क्रम में पिरोया है कि मैं कह सकता हूँ , आपके जिह्वा में साक्षात् माँ सरस्वती का वास है। परमात्मा की कृपा आप में बनी रहे, आपका कल्याण हो, आपके विचारों से मैं बहुत प्रभावित हूँ । धन्यवाद।
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