१- धन से सामान ख़रीदा जा सकता है आशीर्वाद से सिद्धि, निपूर्णता, धन, सुख,आरोग्य, प्रसिद्धि आदि। धैर्य , सदमार्ग, कर्मठ्ता आपको जीवन में कभी गिरने नहीं देगी, ना रुकने देगी, फिर चाहे किसी के कदमों हो या नजरों में हो।
२- जीवन में कोई भी रास्ता कभी बंद नहीं होता, और नहीं होता लक्ष्य को अभेद रखने का कोई दुर्गभाग्य। छोड़े हिम्मत, नहीं कोई योजना, भगवान भरोसे रहना, और जब निकल जाय वह कालखंड तो सिर्फ भाग्य को कोसना। अयोग्यिता।
३- पक्के इरादे, बुलंद हौसले, कभी कोई कसर नहीं छोड़े, अपनी किस्मत स्वयं ही लिखें, कॉपी का एक भी पन्ना खली ना रखे, परिश्रमी - पराक्रमी को भाग्य तो क्या प्रभु भी अकेला कभी ना छोडें । सुयोग्यता
४- आप भीतर मन से कमजोर हो चुके है, इसका पता किसी को नहीं होना चाहिए, मान - सम्मान तो जायेगा ही, बल्कि लोग अनुसरण करना भी छोड़ देंगे। दिल से सच्चे, जुबान के कडुवे, जीवन में अकेले तो रह जाते है, पर उनका साथ परमात्मा जरूर देते है।
५- चलना तो पड़ेगा ही, चाहे आप जिस प्रकार से, जैसे चलिए , यदि आप सच के साथ चलते है तो एक दिन आपके साथ, वक्त भी चलेगा , ठीक उसी प्रकार आप चाहें दुखी हों, या सुखी, या फिर कैसी भी परिस्थिति में हों, आपको हर हाल में अपना लक्ष्य पूरा करना चाहिए, तभी आपको सिद्धि, समृद्धि, प्रसिद्धि प्राप्त हो सकती है।
६ - जितनी मेहनत आप पैसे के लिए करते है, उससे कही ज्यादा मेहनत रिश्तों के लिए करना चाहिए, ये दोनो ही कमाना मुश्किल है, लेकिन इनको गवाना बहुत आसान, पैसा तो फिर भी कमाया जा सकता है, रिश्ते अगर हाथ से निकल गए तो ये फिर मिलना कठिन है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें